
| Event Name | Date | Event Type |
|---|---|---|
| Meerut GDP : Meeting on Justice for Growth - The Role of District-Level Judicial System in Quadrupling Meerut's GDP / Achieving the Goal of a Trillion-Dollar Economy for UP | 16-11-2025 | Meeting |
Description
फेडरे”ान आॅफ इण्िडयन माइक्रो स्माल एण्ड मीडियम एन्टरप्राजेज (FISME) नई दिल्ली और मेरठ सिटिजन्स फोरम (MCF) द्वारा संयुक्त रूप से 16 नवम्बर 2025 को फोरम के साकेत स्िथत कार्यालय में आयोजित एक बैठक में इस बात पर चर्चा की गयी कि न्यायिक कार्यकु”ालता एवं दक्षता किस प्रकार उ0प्र0 की आर्िथक वृद्धि को तेज कर सकती है। इस बैठक में श्री राजेन्द्र अग्रवाल, पूर्व सांसद मेरठ, श्री अमित अग्रवाल, माननीय विधायक मेरठ कैन्ट, वरि’ठ न्यायाधी”ाों तथा मेरठ के वरि’ठ वकीलो और प्रमुख उद्योगपतियों ने भाग लिया।
चर्चा में रेखांकित किया गया कि आर्िथक विकास, न्याय दिलाने की गति से सीधे जुडा हुआ है। मेरठ की जीडीपी को चौगुना करने के लिए किये गये अध्ययन के नि’क’ार् बताते है कि न्याय प्रणाली को सुदृढ करने से जिले की जीडीपी में लगभग 2 प्रति”ात की बढोत्तरी सम्भव है। अत: न्यायिक कार्यकु”ालता व दक्षता उ0प्र0 के एक टिªलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था के ल{य को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
प्रतिभागियों ने उल्लेख किया कि लम्िबत मामलों और निस्तारण दर में उ0प्र0 अपने समकक्ष राज्यों, अर्थात बडे व मध्यम, व रा’टªीय औसत से पीछे है और जिला न्यायालयो में वाद सूची (Cause List) आधारित केस प्रबन्धन, वर्चुवल सुनवाई और ई-फाइलिंग जैसे क्षेत्रों में उ0प्र0 द्वारा तकनीक अपनाने की गति समकक्ष राज्यो की तुलना में अत्याधिक कम हैै।
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि सरकारी मुकदमेबाजी कुल मामलो का एक बडा हिस्सा है। जवाबदेही बढाने के लिए विभागवार मुकदमेबाजी के आंकडों का नियमित प्रका”ान आव”यक है।
बैठक के दौरान न्यायाधीकरणो (Tribunals) की भूमिका प्रमुख रूप से समाने आयी। FISME और MCF की संयुक्त विज्ञप्ित में कहा गया कि ्र्रइन न्यायाधीकरणो की कार्य कु”ालता एवं दक्षता औद्योगिक गतिविधियों, अनुबन्ध प्रवर्तन और नियामक स्प’टता के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। कई अद्धर्-न्यायिक प्राधिकरण व राज्याधीन अधिकरण गम्भीर रिक्तियों और संसाधन संकट से जूझ रहे है, जिससे आर्िथक निर्णय प्रक्रिया धीमी होती है।्र्र
प्रतिभागियों ने रिक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर भरने तथा लम्िबत मामलों और इनके निस्तारण पर वास्तविक समय (Real Time) डेटा प्रकाि”ात करने की आव”यकता पर जोर दिया, ताकि इन न्यायाधीकरणों की दक्षता बहाल हो सके।
बैठक का नि’क’ार् था कि न्यायीक सुधार मात्र कानूनी सुधार नही है, अपितु ये वो बुनियादी आर्िथक सुधार है जो निवे”ा को गति देते है तथा अनुबन्धो की रक्षा करते हैै और इसलिए उ0प्र0 के एक टिªलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था के ल{य को साकार करने के लिए अनिवार्य है।
इन मुÌो को आगे ले जाने के लिए FISME - जोकि मुख्यमंत्री द्वारा उ0प्र0 आर्िथक सलाहकार समुह का हिस्सा है - लखनऊ में नीति निर्माताओं, विधि वि”ो’ाज्ञो और औद्योगिक नेताओं के साथ एक राज्य स्तरीय बैठक आयोजित करेगा।
मेरठ के पूर्व सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल ने आ”वासन दिया कि वे बैठक से उत्पन्न मुददो और सिफारि”ाो को केन्द्र सरकार के स्तर पर उचित मंच पर उठायेगें।
बैठक में यह सुझाव आया कि न्यायिक सुधारो एवं न्याय प्रणाली को सुद्धढ करने हेतु जिला स्तर पर एक जिला समन्वय समिति बनायी जायें जिसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व हो। माननीय विधायक श्री अमित अग्रवाल ने कहा कि वे इस सुझाव को राज्य सरकार के स्तर पर उठायेंगे।
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